नंदा गौरा योजना में रिश्वत मांगने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रंगे हाथ गिरफ्तार

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हल्द्वानी। नंदा गौरा योजना के तहत फार्म में हस्ताक्षर करने के एवज में दो हजार रुपये की रिश्वत मांगने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी महिला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

विजिलेंस की सीधी कार्रवाई

विजिलेंस सतर्कता अधिष्ठान के क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनिल मनराल ने बताया कि विभाग के टोल फ्री नंबर 1064 पर एक व्यक्ति ने भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसकी बहन ने वर्ष 2024 में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, सितारगंज से इंटर पास किया है और उसे नंदा गौरा योजना के तहत ₹40,000 की छात्रवृत्ति मिलनी थी।

छात्रवृत्ति फार्म भरते समय स्कूल की प्रधानाचार्य और स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के प्रमाणपत्र की आवश्यकता थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि इस दौरान स्कूल की प्रधानाचार्य ने ₹10,000 और वार्ड नंबर चार की मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश ने ₹2,000 की रिश्वत मांगी।

धमकी भी दी गई थी

शिकायतकर्ता ने बताया कि 28 मार्च को छात्रवृत्ति की राशि खाते में आ चुकी थी, जिसके बाद कमलेश ने उसे ₹2,000 ‘इनाम’ के तौर पर देने को कहा। साथ ही, धमकी दी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा और छात्रवृत्ति रद्द कर जांच करवाई जाएगी।

रंगे हाथ पकड़ी गई आरोपी

विजिलेंस की जांच में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद सोमवार को योजना बनाकर शिकायतकर्ता को आरोपी के घर भेजा गया, जहां कमलेश ने पैसे लेते ही पकड़ ली गई। आरोपी महिला कमलेश पत्नी नन्हे सिंह गौतम, वार्ड नंबर छह की निवासी है। उसे हल्द्वानी लाया गया और मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

सख्त कार्रवाई की तैयारी

विजिलेंस विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और साफ संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी सरकारी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। मामले की आगे की जांच जारी है.

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