देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और इसके चलते उत्पन्न हो रही आपदा की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेशभर की स्थिति का वर्चुअल माध्यम से जायजा लिया। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि मानसून सीजन में सभी अधिकारी 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहें और किसी भी जान-माल के नुकसान से बचाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
📌 मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश:
- बारिश के पूर्वानुमान की जानकारी ग्राम स्तर तक समय पर पहुँचाई जाए।
- जनपद, तहसील, ब्लॉक और ग्राम स्तर तक आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय रखा जाए।
- वर्षा से बाधित सड़कों को शीघ्रता से सुचारु किया जाए।
- भू-स्खलन संभावित क्षेत्रों में जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
- रिस्पांस टाइम को न्यूनतम रखा जाए ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
- शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या को रोकने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाए जाएं।
- नदियों के जल स्तर की नियमित निगरानी की जाए।
🛣️ चारधाम और कांवड़ यात्रा पर विशेष ध्यान
सीएम धामी ने चारधाम और कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं पर विशेष फोकस करते हुए निर्देश दिए कि सभी श्रद्धालुओं को मौसम की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जाए। यदि यात्रा में अवरोध उत्पन्न हो तो उन्हें ठहरने, भोजन और पानी की समुचित व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए।
🏔️ पर्वतीय क्षेत्रों में स्टॉक और वैकल्पिक मार्ग तैयार रखने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय जिलों में खाद्यान्न, दवाइयों व आवश्यक सामग्री का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किया जाए ताकि आपात स्थिति में कोई समस्या न हो। संपर्क मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्थाएं पहले से तैयार रखी जाएं।
⚡ सेफ्टी ऑडिट और करंट से सुरक्षा पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट करवाने के निर्देश पहले ही दिए थे। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी जनपद से करंट लगने की शिकायत नहीं आनी चाहिए।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप, अपर सचिव बंशीधर तिवारी सहित सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े रहे।
