जिले के कपकोट ब्लॉक के छुरिया ग्राम पंचायत में एक प्रधान पद के उम्मीदवार को घर में शौचालय होने का झूठा शपथ पत्र देना भारी पड़ गया। शिकायत के बाद हुई जांच में शौचालय न मिलने पर नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया। अब ग्राम पंचायत में बचा हुआ प्रत्याशी निर्विरोध प्रधान चुना जाना तय माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पंचायत चुनावों के तहत सोमवार से नामांकन पत्रों की जांच शुरू हुई है, जो तीन दिन तक चलेगी। पहले ही दिन कपकोट ब्लॉक में एक और गरुड़ ब्लॉक में दो ग्राम प्रधान प्रत्याशियों के नामांकन खारिज किए गए।
छुरिया पंचायत में एक प्रत्याशी ने दूसरे प्रत्याशी के खिलाफ घर में शौचालय न होने के बावजूद झूठा शपथ पत्र देने की शिकायत की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच कमेटी गठित की गई, जिसने मौके पर जाकर सत्यापन किया। जांच में पाया गया कि आरोप सही हैं और संबंधित प्रत्याशी के घर में शौचालय नहीं है।
इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि प्रत्याशी को अटल आवास योजना का लाभ मिला हुआ है, जिसमें शौचालय बनाना अनिवार्य शर्त है। इसके बावजूद शौचालय न होना नियमों का उल्लंघन है।
खंड विकास अधिकारी ख्याली राम ने बताया,
“छुरिया गांव में एक प्रधान प्रत्याशी का आवेदन इस आधार पर निरस्त किया गया है कि उनके घर में शौचालय नहीं है, जो कि आवश्यक शर्त है। शिकायत सही पाई गई। द्वारी गांव से भी इसी तरह की शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जांच जारी है।”
इस फैसले के बाद अब छुरिया ग्राम पंचायत में बचे दूसरे प्रत्याशी का निर्विरोध प्रधान बनना तय हो गया है।
चुनाव नियमों की अनदेखी करने वालों के लिए यह मामला एक सख्त संदेश बनकर सामने आया है।
