उत्तराखंड: हादसे के बाद गांव में पसरा मातम, एक साथ जलीं छह चिताएं

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पिथौरागढ़/मुवानी | 17 जुलाई 2025
उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के बोकटा गांव में उस समय मातम छा गया, जब सड़क हादसे में जान गंवाने वाले ग्रामीणों के शव बुधवार को गांव पहुंचे। चीख-पुकार और आंसुओं के बीच एक साथ छह चिताएं जलीं, जिसने हर आंख को नम कर दिया।

मंगलवार को मुवानी से भंडारीगांव की ओर जा रही एक मैक्स टैक्सी भंडारीगांव पुल के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी थी। हादसे में आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जिनमें दो सगी बहनें, तीन महिलाएं और तीन पुरुष शामिल थे। यह सभी यात्री बोकटा गांव के रहने वाले थे। वाहन में कुल 14 लोग सवार थे।

हादसे के बाद बुधवार सुबह मृतकों के शव जब गांव लाए गए तो कोहराम मच गया। शवों का पोस्टमार्टम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही किया गया। इसके बाद सभी मृतकों की अंतिम यात्रा निकाली गई। रामगंगा नदी के किनारे स्थित केदारेश्वर घाट पर गांव की दो बहनों सहित छह मृतकों की एक साथ अंत्येष्टि की गई। वहीं, सात वर्षीय मासूम सिमरन को परंपरा के अनुसार दफनाया गया और एक विवाहित बेटी का शव उसके ससुराल चंडाक भेजा गया।

हरेला पर्व की खुशियों के बीच मातम:
जहां एक ओर उत्तराखंड में प्रकृति पर्व हरेला की तैयारियां चल रही थीं, वहीं बोकटा गांव में मातम पसरा रहा। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हर घर से विलाप की आवाजें आ रही थीं। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए और अपनों को नम आंखों से विदाई दी।

प्रशासन मुस्तैद:
हादसे के बाद प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य में तत्परता दिखाई। घायलों को समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया। मृतकों के परिजनों को सरकारी स्तर पर आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।


 

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