सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्यामलाल गुरुजी की निर्मम हत्या के मामले में फरार दंपती 24 दिन की भागदौड़ के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी गीता और उसके पति हिमांशु चौधरी को अमृतसर, पंजाब से गिरफ्तार कर लिया गया। ये दोनों दिल्ली, मुंबई, जयपुर, प्रयागराज और कुरुक्षेत्र होते हुए अमृतसर पहुंचे थे, लेकिन पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण आखिरकार गिरफ्तार हो गए। दोनों पर ₹50,000 का इनाम घोषित था।
ब्लैकमेलिंग का घिनौना खेल, हत्या और शव के टुकड़े
पुलिस जांच में सामने आया कि गीता और हिमांशु ने श्यामलाल से मोटी रकम ऐंठने के लिए अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने की साजिश रची थी। लेकिन जब श्यामलाल को कमरे में छिपाए गए गुप्त कैमरे दिख गए, तो उन्होंने इसका विरोध किया। इसी दौरान मारपीट में गीता और हिमांशु ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद आरोपियों ने शव को वहीं छोड़ दिया और अगले दिन दोबारा लौटकर पहले खून जमने दिया, फिर शव के चार टुकड़े कर प्लास्टिक की बोरियों में भरकर सहारनपुर की एक नदी में फेंकवा दिया। शव ठिकाने लगाने में गीता के भाई अजय कुमार और बहनोई धनराज चावला ने मदद की थी, जिन्हें पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी।
बेटी ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी, सीसीटीवी से हुआ खुलासा
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि श्यामलाल की बेटी निधि राठौर ने 7 फरवरी को पटेलनगर थाने में अपने पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जांच में पता चला कि श्यामलाल 2 फरवरी को अपनी बाइक से निकले थे और किशननगर एक्सटेंशन में गीता के किराए के कमरे में गए थे, लेकिन वापस नहीं लौटे।
जब पुलिस वहां पहुंची तो गीता और हिमांशु फरार मिले। मोबाइल सर्विलांस और कॉल डिटेल की जांच से पुलिस को सुराग मिला, जिसके बाद गीता के मायके देवबंद, सहारनपुर में छापेमारी हुई। वहां से गीता के भाई अजय कुमार को हिरासत में लिया गया, जिसने पूछताछ में पूरे हत्याकांड की पोल खोल दी।
अनैतिक संबंधों का जाल और पैसों की लालच
जांच में पता चला कि गीता पहले भी श्यामलाल के करीब थी और उनसे लगातार पैसे ऐंठती रहती थी। श्यामलाल ने एक NGO खोला था, जिसमें गीता नौकरी करती थी। इसी दौरान दोनों के बीच अनैतिक संबंध बन गए। बाद में गीता ने किसी और से शादी की और एक बेटी हुई, लेकिन पति को उसके पुराने रिश्ते के बारे में पता चलने पर वह अलग हो गई।
फिर गीता की नजदीकियां एमबीबीएस के छात्र हिमांशु चौधरी से बढ़ीं और दोनों ने 2024 में शादी कर ली। हिमांशु को गीता और श्यामलाल के संबंधों की जानकारी थी, लेकिन पैसों की जरूरत के कारण उसने गीता का साथ दिया।
ऐसे हुआ हत्या का षड्यंत्र
- श्यामलाल से ज्यादा पैसे ऐंठने के लिए गीता और हिमांशु ने उनकी अश्लील वीडियो बनाने और ब्लैकमेल करने की साजिश रची।
- 2 फरवरी को गीता ने श्यामलाल को फोन कर बुलाया और कमरे में छिपे कैमरों से उनकी वीडियो बनाने की कोशिश की।
- श्यामलाल ने गुप्त कैमरों को देख लिया और हंगामा करने लगे, जिसके बाद गीता और हिमांशु ने उनकी गला दबाकर हत्या कर दी।
- हत्या के बाद अगले दिन शव के टुकड़े किए और चार फरवरी को भाई व बहनोई की मदद से सहारनपुर की नदी में फेंक दिया।
पुलिस को गुमराह करने की नाकाम कोशिश
हत्या के बाद गीता ने अपनी तीन साल की बेटी को मायके में छोड़ दिया और हिमांशु के साथ फरार हो गई। दोनों कई शहरों में भागते रहे, लेकिन पुलिस की पैनी नजर से बच नहीं सके।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
19 फरवरी को गीता के भाई अजय और बहनोई धनराज चावला गिरफ्तार हुए। उनकी निशानदेही पर 20 फरवरी को श्यामलाल के शव के टुकड़े बरामद हुए। गुरुवार देर रात अमृतसर से मुख्य आरोपी दंपती को भी दबोच लिया गया।
इस हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस दोनों आरोपियों से गहराई से पूछताछ कर रही है और जल्द ही उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।
