बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग तेज, पूर्व सैनिकों और वन अधिकार समिति ने प्रमुख वन संरक्षक को सौंपा ज्ञापन

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देहरादून/लालकुआं।
लालकुआं क्षेत्र के बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की लंबित प्रक्रिया को लेकर अब जनप्रतिनिधियों और स्थानीय संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में पूर्व सैनिक संगठन और वन अधिकार समिति, बिंदुखत्ता के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) समीर सिन्हा (IFS) से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की अधिसूचना पिछले एक वर्ष से लंबित है। उन्होंने जनजाति मंत्रालय, मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ हुए दर्जनों पत्र व्यवहार की प्रतियां भी प्रमुख वन संरक्षक को सौंपीं।

प्रतिनिधियों ने वनाधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि

“अधिनियम की धारा 4.7 के अनुसार किसी भी वन ग्राम, पुरानी बसासत या असर्वेक्षित ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए वन भूमि को अनारक्षित करना आवश्यक नहीं है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्व अनुभाग द्वारा कानून के विरुद्ध पत्रावली वन विभाग को भेज दी गई, जो अब एक साल से हॉफ के कार्यालय में लंबित है।

प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा ने इस पर सहमति जताते हुए पत्रावली का अवलोकन किया और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने एक सप्ताह के भीतर यथोचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए वनाधिकार अधिनियम ही एकमात्र वैधानिक विकल्प है।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे:
🔹 कैप्टन खिलाफ सिंह दानू
🔹 कैप्टन प्रताप सिंह बिष्ट
🔹 कैप्टन इंद्र सिंह पनेरी
🔹 उमेश भट्ट
🔹 बसंत पांडे

प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ IFS अधिकारी और मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते से भी आज भेंट करेगा।

जनता की बहुप्रतीक्षित मांग को लेकर अब निर्णायक दबाव बनता दिखाई दे रहा है, जिससे आने वाले दिनों में इस दिशा में बड़ी प्रशासनिक पहल की उम्मीद की जा रही है।

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