हल्द्वानी। उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी क्षेत्रों में जगह-जगह मलबा आने से सड़क मार्ग बाधित हो गए हैं, वहीं मैदानी इलाकों की नदियां और नाले उफान पर हैं। गौला और नंधौर नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भू-कटाव तेज हो गया है और किसानों की उपजाऊ जमीन नदी में समा रही है।
कई निचले इलाकों में घरों में पानी भर गया है। जिला प्रशासन ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश जारी किए हैं। नैनीताल जिले के दुर्गम क्षेत्र चोरगलिया में भी बारिश का कहर जारी है, जिसके चलते लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। तेज बहाव और जलभराव से खेतों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं।
काठगोदाम में गौला नदी किनारे बने दो मकान गुरुवार को बह गए। देर रात से जारी बारिश के कारण नदी में जलस्तर अचानक बढ़ा, जिससे हादसा हुआ। सूचना पर तहसीलदार मनीषा बिष्ट टीम के साथ मौके पर पहुंचीं और मुनादी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की।
मौसम विभाग के अनुसार, यदि आगामी कुछ घंटों तक बारिश जारी रही तो जान-माल के नुकसान की संभावना और बढ़ सकती है। पुलिस-प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी है कि बारिश के दौरान नदियों, नालों और रपटों को पार न करें।
गौला बैराज से सिंचाई विभाग ने 57 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है, जिसके चलते नदी के निचले हिस्सों में भू-कटाव और तेज हो गया है, और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
