टनकपुर।
उत्तराखंड के टनकपुर से कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर नए उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ आरंभ हो गई है। कोविड-19 महामारी के बाद यह पहली बार है, जब यह प्रतिष्ठित यात्रा फिर से शुरू की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को 45 सदस्यीय पहले जत्थे को विधिवत रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
“नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय…” के मंत्रोच्चार और भक्ति के माहौल में यात्रा की शुरुआत हुई, जिसने वातावरण को शिवमय कर दिया। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने यात्रियों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
कोरोना के बाद आध्यात्मिक द्वार फिर से खुले
यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और रणनीतिक पहचान का प्रतीक है। कोविड-19 के कारण तीन वर्षों तक रुकी रही यह यात्रा अब दोबारा शुरू होकर प्रदेशवासियों के लिए गौरव का क्षण बन गई है।
मुख्यमंत्री धामी ने इस ऐतिहासिक अवसर पर कहा—
“कैलाश मानसरोवर यात्रा केवल तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि हमारी आस्था, परंपरा और संस्कृति का प्रतीक है। इस यात्रा के फिर से शुरू होने से उत्तराखंड को नई पहचान और स्थानीय पर्यटन को नया संबल मिलेगा।”
पर्यटन, रोजगार और सामरिक दृष्टि से अहम
टनकपुर से होकर गुजरने वाली यह यात्रा न केवल तीर्थाटन को बढ़ावा देगी, बल्कि इससे जुड़ी स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार के अवसरों और पर्यटन व्यवसाय को भी नई गति मिलेगी।
साथ ही, यह मार्ग भारत-चीन सीमा के समीपवर्ती क्षेत्रों को रणनीतिक रूप से मजबूत करने की दिशा में भी अहम माना जा रहा है।
प्रमुख अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि रहे मौजूद
इस अवसर पर कुमाऊं कमिश्नर एवं मुख्यमंत्री सचिव दीपक रावत, कुमाऊं आईजी रिद्धिम अग्रवाल, कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी विनीत तोमर, जलागम परिषद उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा, सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
यात्रा दल के सदस्यों ने यात्रा से पहले मुख्यमंत्री और अधिकारियों से मुलाकात कर आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रशासन ने उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की .
