हल्द्वानी: 100 वर्ग गज से कम प्लॉटों की रजिस्ट्री की जांच शुरू, कई अनियमितताएं उजागर

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत 100 वर्ग गज से कम क्षेत्रफल वाले प्लॉटों और भूखंडों की रजिस्ट्री की जांच के लिए हल्द्वानी और रामनगर क्षेत्रों में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण द्वारा मंगलवार को सर्वेक्षण अभियान चलाया गया।

संयुक्त सचिव एपी बाजपेई के नेतृत्व में गठित टीम ने ग्राम देवला तल्ला, पंजाया, नवादखेड़ा (गौलापार) में 15 प्लॉटों की जांच की। इनमें से 8 प्लॉटों की रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज मौके पर उपलब्ध कराए गए, जबकि शेष 7 प्लॉट खाली पाए गए। इन खाली प्लॉटों का सत्यापन संबंधित खरीदारों से किया गया, जिन्होंने मौके पर बैनामा की प्रति प्रस्तुत की।

राजपुरा, नजाकत का बगीचा (हल्द्वानी) क्षेत्र में 20 प्लॉटों व भवनों का सत्यापन किया गया। सभी मामलों में लोगों ने अपनी भूमि को नजूल भूमि बताया, जिस कारण किसी के पास मानचित्र स्वीकृति नहीं थी। इनमें से 8 लोगों ने हाउस टैक्स की रसीदें दिखाई, जबकि अन्य ने बिजली व पानी के बिल प्रस्तुत किए।

रामनगर के ग्राम पूछड़ी में 19 प्लॉटों की जांच की गई, जिनमें से 8 लोगों ने रजिस्ट्री दस्तावेज दिखाए, 9 लोगों के पास दस्तावेज नहीं थे, जबकि 2 लोगों ने स्टांप पेपर पर जमीन खरीदने की जानकारी दी। इनमें से किसी के पास भी मानचित्र स्वीकृति नहीं पाई गई।

इसी क्रम में सचिव विजय नाथ शुक्ल की अगुवाई में नैनीताल में 8 और भवाली में 10 भवनों का निरीक्षण किया गया।

जिला विकास प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि जांच में उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन व विकास अधिनियम तथा भवन उपविधियों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

सत्यापन टीम में राजस्व विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

इस सर्वेक्षण अभियान को राज्य सरकार द्वारा अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने की दिशा में उठाए गए अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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