IAS निधि यादव को केंद्र की कॉस्ट नॉर्म समिति में मिली अहम जिम्मेदारी,

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देहरादून/नई दिल्ली। केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने विभिन्न सरकारी योजनाओं और विकास परियोजनाओं की लागत मानकों को निर्धारित करने के लिए कॉस्ट नॉर्म समिति (Cost Norms Committee) का गठन किया है। इस सात सदस्यीय समिति में उत्तराखंड की पंचायती राज विभाग की निदेशक और वरिष्ठ IAS अधिकारी निधि यादव को शामिल किया गया है। यह उत्तराखंड के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

समिति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और परियोजनाओं में सार्वजनिक धन का उपयोग अधिकतम पारदर्शिता, दक्षता और प्रभावशीलता के साथ हो। इसके तहत समिति विभिन्न योजनाओं के लिए उचित लागत मानक तय करेगी, साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि लागत अनुमान वास्तविकता के अनुरूप हों।

समन्वय की भूमिका भी निभाएगी समिति
यह समिति केवल लागत तय करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि विभिन्न विभागों और सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय कर यह भी सुनिश्चित करेगी कि निर्धारित लागत मानकों को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। इससे विकास कार्यों में अनावश्यक खर्च की रोकथाम होगी और बजट का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा।

ग्रामीण विकास को मिलेगा बल
कॉस्ट नॉर्म समिति को पंचायती राज मंत्रालय का एक प्रमुख अंग माना जा रहा है। इसके कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही विकास परियोजनाओं को समय पर और निर्धारित बजट में पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे ग्रामीण बुनियादी ढांचे में मजबूती आएगी और गरीबी उन्मूलन जैसे लक्ष्यों को हासिल करने में भी सहयोग मिलेगा।

IAS निधि यादव की इस उच्चस्तरीय समिति में नियुक्ति को राज्य के लिए सम्मानजनक और प्रेरणादायक कदम माना जा रहा है, जो न केवल उत्तराखंड की प्रशासनिक क्षमताओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है, बल्कि राज्य की भागीदारी को नीति निर्धारण के केंद्र में भी स्थापित करता है।

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