देहरादून,
उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी रचिता ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए शासन को आवेदन भेजा है। वर्तमान में सतर्कता विभाग में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत रचिता ने मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को वीआरएस हेतु अपना पत्र सौंपा, जिसकी पुष्टि स्वयं मुख्य सचिव ने की है।
शनिवार को रचिता के इस्तीफे की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होती रहीं, जिससे पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग में हलचल मच गई। हालांकि उस समय तक गृह विभाग के पास उनकी ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं थी। सचिव गृह शैलेश बगौली ने बताया कि उन्हें भी इस बाबत खबरें मिलीं, लेकिन कोई लिखित पत्र प्राप्त नहीं हुआ था। शाम होते-होते स्पष्ट हुआ कि रचिता ने वीआरएस का आवेदन मुख्य सचिव को सौंप दिया है।
बताया जा रहा है कि रचिता ने वीआरएस के पीछे निजी और पारिवारिक कारणों का हवाला दिया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, उनके इस निर्णय के पीछे निजी क्षेत्र में करियर की बेहतर संभावनाओं की तलाश भी एक प्रमुख कारण हो सकता है।
अपनी सेवा अवधि में रचिता ने कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। उन्होंने राजभवन में राज्यपाल के एडीसी के रूप में भी सेवाएं दी हैं, और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रह चुकी हैं। तेज-तर्रार और सख्त प्रशासक की छवि रखने वाली इस महिला अधिकारी का यह कदम उत्तराखंड प्रशासनिक सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार उनकी वीआरएस अर्जी पर क्या निर्णय लेती है और रचिता आगे कौन-सा करियर पथ चुनती हैं।
