नैनीताल।
उत्तराखंड के विश्वविख्यात कैंची धाम में रविवार को बाबा नीब करौरी महाराज के 61वें स्थापना दिवस पर आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन को उमड़े, और अब तक के सबसे बड़े मेले का हिस्सा बने।
मेले की शुरुआत सुबह 5:00 बजे बाबा के दरबार में मालपुए के प्रसाद वितरण से हुई। श्रद्धालुओं की लंबी कतारें धाम के मुख्य द्वार से लेकर दो किलोमीटर दूर तक देखी गईं। भक्त “बाबा नीब करौरी महाराज की जय” के जयकारों के साथ श्रद्धा में लीन होकर मंदिर तक पहुंचे।
प्रशासनिक व्यवस्थाएं रहीं चाक-चौबंद
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही व्यापक इंतजाम किए थे। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने स्वयं मेले की निगरानी की और व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखा। श्रद्धालुओं के लिए शटल सेवा, पार्किंग, बैरिकेडिंग और भोजन वितरण की योजनाएं सटीक ढंग से कार्यरत रहीं।
जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी कैंचीधाम में व्यवस्था संभालते नजर आए। श्रद्धालुओं को प्रवेश निर्धारित समय स्लॉट में दिया गया, जिससे भीड़ नियंत्रित रही और सभी को दर्शन और प्रसाद का लाभ मिल सका।
मंदिर में चढ़ा विशेष भोग, भक्तों में दिखा उत्साह
स्थापना दिवस के अवसर पर मंदिर में विशेष रूप से मालपुआ और सब्जी का भोग अर्पित किया गया, जिसे बाद में प्रसाद रूप में वितरित किया गया। ब्रह्म मुहूर्त में बाबा को भोग लगाकर मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया।
ध्यान देने योग्य है कि 1965 में शिप्रा नदी किनारे स्थापित यह धाम हर वर्ष की भांति इस बार भी भव्य भंडारे का केंद्र बना। देश-विदेश से पहुंचे बाबा के अनुयायी यहां आकर दर्शन व प्रसाद पाकर धन्य हो उठे।
मेले को मिला ‘अब तक का सबसे बड़ा आयोजन’ का दर्जा
इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या और व्यवस्थाओं की भव्यता के चलते इस मेले को अब तक का सबसे बड़ा कैंचीधाम मेला माना जा रहा है। बाबा के चमत्कारों और उनके प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा का यह दृश्य पूरे प्रदेश ही नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणास्पद रहा।
