गौला नदी तटबंधों की गुणवत्ता पर उठे सवाल, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की निष्पक्ष जांच की मांग

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लालकुआं। गौला नदी में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाते हुए जांच की मांग उठाई है। शुक्रवार को लालकुआं और बिंदुखत्ता क्षेत्र के दर्जनों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने तहसील परिसर में धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेजा।

धरने का नेतृत्व कर रहे किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हेमवतीनंदन दुर्गापाल ने कहा कि हाल ही में हुई मामूली बारिश में ही गौला नदी में जलस्तर कुछ बढ़ने से इंदिरानगर और रावत नगर बिंदुखत्ता क्षेत्र में तटबंध ढह गए। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी की गई और मानकों की खुलकर अवहेलना हुई।

उन्होंने कहा कि यदि तटबंधों का निर्माण निर्धारित मानकों के अनुसार मजबूत बोल्डर पत्थरों से किया गया होता तो वे मामूली बारिश में धराशायी न होते। दुर्गापाल ने बताया कि क्षेत्रवासियों की वर्षों से हल्दूचौड़ से लेकर शीशम भुजिया तक स्थायी दीवार बनाने की मांग को नजरअंदाज कर प्रशासन हर साल सिर्फ नदी डायवर्जन के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है, जिसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीते पांच वर्षों में गौला नदी पर 20 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है, लेकिन परिणाम शून्य है। यदि यह धनराशि स्थायी बाढ़ सुरक्षा दीवारों पर खर्च होती, तो आज कई गांव सुरक्षित रहते।

कार्यकर्ताओं ने मांग की कि खराब गुणवत्ता से बने तटबंधों की निष्पक्ष जांच कराकर संबंधित ठेकेदारों से वसूली की जाए और भविष्य में गौला नदी किनारे स्थायी दीवार निर्माण कर बाढ़ सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

धरने में कांग्रेस बिंदुखत्ता ब्लॉक अध्यक्ष पुष्कर सिंह दानू, लालकुआं नगर कांग्रेस अध्यक्ष भुवन पांडे, वरिष्ठ नेता कुंदन सिंह मेहता, राजेंद्र सिंह चौहान, रूप सिंह जीना, नगर पंचायत सभासद योगेश उपाध्याय, हेमंत पांडे, गोविंद बल्लभ भट्ट, प्रदीप बथ्याल, सईद सिद्दीकी, कमलेश यादव समेत भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

 

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