25 साल बाद गिरफ्त में आया टैक्सी चालकों का कातिल गिरोह का मास्टरमाइंड  हल्द्वानी-अल्मोड़ा हत्याकांड से था जुड़ा

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हल्द्वानी/दिल्ली।
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में टैक्सी चालकों की हत्याओं से जुड़े एक बड़े और खौफनाक गिरोह के मास्टरमाइंड को आखिरकार 25 साल बाद दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा, चंपावत और नैनीताल जिलों में सीरियल टैक्सी ड्राइवर मर्डर केस में फरार चल रहा आरोपी अजय लांबा अब पुलिस की गिरफ्त में है।

आरोप है कि अजय लांबा अपने साथियों के साथ टैक्सी बुक करता, फिर सुनसान इलाकों में ड्राइवर की गला घोंटकर हत्या कर देता था। शव की पहचान न हो, इसके लिए उसे पहाड़ से खाई में फेंक देता था। इसके बाद लूटी गई टैक्सी को नेपाल में बेच दिया जाता था।


🧠 कैसे हुआ मास्टरमाइंड का खुलासा?

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यह गिरफ्तारी तब की, जब हल्द्वानी जेल में बंद गिरोह के दो सदस्य, जो पहले ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, ने अजय लांबा का नाम लिया।

डीसीपी क्राइम आदित्य गौतम के अनुसार, इंस्पेक्टर राकेश कुमार और अनुज कुमार की टीम ने खुफिया जानकारी जुटाकर अजय लांबा को इंडिया गेट के पास से दबोच लिया, जहां वह एनडीपीएस एक्ट के तहत एक पुराने केस की सुनवाई के लिए पहुंचा था।


🕵️‍♂️ अजय की आपराधिक पृष्ठभूमि:

  • असली नाम: बंसी, बाद में बदला नाम: अजय लांबा
  • मूल निवासी: कृष्णा नगर, दिल्ली
  • साल 1996 में फरार होकर बरेली चला गया
  • वहीं से धीरेंद्र, धीरज, और दिलीप नेगी के साथ मिलकर वारदातों को अंजाम देना शुरू किया
  • 1999 से 2001 के बीच हल्द्वानी, अल्मोड़ा, लोहाघाट और दिल्ली में चार बड़ी वारदातों में शामिल
  • 1990 से अब तक चोरी, हत्या, अवैध हथियार जैसे कई मामलों में भगोड़ा घोषित

एक आरोपी अभी भी फरार

इस खतरनाक गिरोह का एक और सदस्य अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। वहीं, पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि अजय लांबा ने कुल कितनी हत्याएं की हैं।


🚨 पुलिस की सख्ती और सतर्कता रंग लाई

इस सनसनीखेज गिरफ्तारी से एक बार फिर यह साफ हुआ है कि अपराध कितना भी पुराना हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं। पुलिस की सतर्कता और क्राइम ब्रांच की जांच ने एक लंबे समय से फरार चल रहे सीरियल किलर को दबोचने में सफलता पाई है।

 

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