कोटद्वार (उत्तराखंड)।
उत्तराखंड के बहुचर्चित और जनमानस को झकझोर देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अदालत ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए न्याय की उम्मीदों को नई रोशनी दी। अदालत ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है।
करीब दो साल आठ महीने चले इस मुकदमे के दौरान कोर्ट की निगरानी में 97 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इस बहुप्रतीक्षित फैसले पर पूरे उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश भर की नजरें टिकी थीं, क्योंकि यह मामला न केवल एक युवती की हत्या से जुड़ा था, बल्कि सत्ता, सिस्टम और सामाजिक व्यवस्था पर भी कठोर सवाल खड़े करता रहा।
क्या था मामला
19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के पास यमकेश्वर ब्लॉक स्थित वनतारा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थी। 18 सितंबर 2022 को उसकी हत्या कर दी गई थी और पांच दिन बाद उसका शव चिल्ला नहर से बरामद हुआ था।
पुलिस जांच में सामने आया कि रिज़ॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता को नहर में धक्का देकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या का कारण यह था कि अंकिता ने रिज़ॉर्ट में आए एक वीआईपी मेहमान को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देने से साफ इनकार कर दिया था।
समाज को झकझोर देने वाली घटना
इस दर्दनाक घटना ने न सिर्फ उत्तराखंड को बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। जनता में आक्रोश था और न्याय की मांग को लेकर कई महीनों तक सड़क से सोशल मीडिया तक आंदोलन चलता रहा। यही जनदबाव था कि मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में हुई और अभियोजन ने मजबूत पैरवी की।
एक संदेश: न्याय अब भी ज़िंदा है
कोटद्वार कोर्ट का यह फैसला न सिर्फ अंकिता को न्याय देने की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि उन सभी पीड़ितों के लिए एक उम्मीद की किरण भी है, जो सिस्टम के खिलाफ लड़ते हैं। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया कि यदि आवाज बुलंद की जाए तो कानून व्यवस्था भी संवेदनशील होकर न्याय दे सकती है।
