पंचायत चुनाव पर असमंजस बरकरार, हाईकोर्ट में सोमवार को होगी अहम सुनवाई

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नैनीताल। उत्तराखंड के 12 जिलों में जारी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया फिलहाल असमंजस की स्थिति में पहुंच गई है। हाईकोर्ट के हालिया आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दाखिल स्पष्टीकरण याचिका पर अब सोमवार को सुनवाई संभावित है, जिस पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग ने रविवार को उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करते हुए अपील की कि चुनावी प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाया जाए। आयोग का कहना है कि अब तक की प्रक्रिया में भारी संसाधन और मानवशक्ति खर्च की जा चुकी है और कोर्ट के आदेश से यह सारी प्रक्रिया ठप हो गई है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि कोई भी व्यक्ति एक साथ ग्राम पंचायत और नगर निकाय, दोनों की मतदाता सूची में नाम नहीं रख सकता। इस आदेश के बाद ऐसे सभी मतदाताओं के मतदान और प्रत्याशी बनने पर रोक लग गई है, जो दोनों सूचियों में पंजीकृत हैं।

इस फैसले का सीधा असर सोमवार से शुरू होने जा रही चुनाव चिह्न आवंटन प्रक्रिया पर पड़ सकता है। इससे पहले दाखिल किए गए कई प्रत्याशियों के नामांकन की वैधता भी अब सवालों के घेरे में है।

स्थिति को लेकर न केवल उम्मीदवारों में, बल्कि मतदाताओं के बीच भी भारी भ्रम और चिंता व्याप्त है। अब सभी की निगाहें सोमवार की सुनवाई पर टिकी हैं, जिससे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की दिशा और दशा स्पष्ट होने की उम्मीद है।

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