हल्द्वानी। सीमांत क्षेत्र की समृद्ध जोहार संस्कृति को सहेजने और नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से हल्द्वानी में 8 नवंबर से तीन दिवसीय जोहार महोत्सव का भव्य आयोजन शुरू होने जा रहा है। यह आयोजन एम.बी. इंटर कॉलेज परिसर में होगा, जिसमें पारंपरिक लोककला, संगीत, व्यंजन, हस्तशिल्प और परिधानों की झलक देखने को मिलेगी।
आकार्यक्रम के संयोजक एवं वी. जोहार समिति के अध्यक्ष ने बताया कि महोत्सव का शुभारंभ 8 नवंबर को दोपहर 1 बजे सांस्कृतिक जुलूस के साथ किया जाएगा। इस जुलूस में सीमांत क्षेत्र की जड़ी-बूटियां, औषधियां, लोककला और लोकसंस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।
पहला दिन: परंपरा और संगीत का संगम
पहले दिन जोहारी शौका समुदाय के सदस्य पारंपरिक परिधानों में ढोल-दमाऊ की थाप पर सांस्कृतिक झांकियां प्रस्तुत करेंगे। मुख्य अतिथि द्वारा 16वें जोहार महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा। इस अवसर पर ‘जोहार दर्पण’ स्मारिका, ‘ई-शौका’ डिजिटल पत्रिका और ‘शोका डायरेक्टरी’ का विमोचन होगा।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में आँचल कला केंद्र, हल्द्वानी, पारंपरिक दुस्का-चाँचरी नृत्य, ‘द बंदिश बैंड’ का प्रदर्शन और गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, दक्ष कार्की एवं राकेश खनवाल के विशेष कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
दूसरा दिन: व्यंजन, हस्तशिल्प और लोकधुनों की शाम
दूसरे दिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक जोहारी शौका व्यंजन प्रतियोगिता होगी। इसके साथ ही मुनस्यारी क्षेत्र के हथकरघा एवं हस्तशिल्प वस्तुओं की प्रदर्शनी और माँ नैना सांस्कृतिक कला मंच, हल्द्वानी की प्रस्तुतियाँ होंगी।
शाम के सत्र में नीती-माणा कल्याण समिति, गणेश मर्तोलिया, रूचि जंगपांगी, लोकगायिका हेमंती देवी और नेपाली गायिका शांति श्री परियार अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधेंगी।
तीसरा दिन: बाल रंगमंच और पारंपरिक परिधान शो
तीसरे दिन का आरंभ बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता और छोलिया नृत्य (पिथौरागढ़) से होगा। इसके बाद बच्चों की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, युवाओं का शीका ड्रेस शो और पति-पत्नी जोड़ों का पारंपरिक परिधान प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
सायं सत्र में हारूल एवं तांदी नृत्य (जौनसार) का प्रदर्शन सनी दयाल ग्रुप करेगा। साथ ही जनजागृति सांस्कृतिक कला मंच, बिन्दुखत्ता, फौजी ललित मोहन जोशी, गोविंद दिगारी, कैलाश कुमार, चंद्र प्रकाश और कमल मेहरा संयुक्त प्रस्तुति देंगे।
समापन सत्र में JSWS महासचिव द्वारा उद्बोधन के साथ तीन दिवसीय महोत्सव का समापन होगा।

