हल्द्वानी।
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। हरिद्वार को छोड़कर राज्य के सभी जिलों की अनंतिम आरक्षण सूची जारी कर दी गई है, जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में सियासी हलचल तेज हो गई है। हल्द्वानी एवं बरेली रोड क्षेत्र में देर रात जैसे ही आरक्षण सूची सार्वजनिक हुई, संभावित प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई।
ग्रामीण इलाकों में आज सुबह से ही प्रत्याशियों ने रणनीति तैयार करने के लिए बैठकों का दौर शुरू कर दिया। गांवों में चौक-चौराहों पर पंचायत चुनाव को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। संभावित प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर जनमत जुटाने की कवायद तेज कर दी है।
सूत्रों की मानें तो 20 जून के बाद कभी भी पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकती है और जुलाई के दूसरे या तीसरे सप्ताह में मतदान कराए जाने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल पंचायतों की जिम्मेदारी प्रशासकों के हाथों में है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने दो दिन के भीतर अनंतिम सूची पर आपत्तियां आमंत्रित की हैं। इसके बाद सूची को पंचायती राज निदेशालय भेजा जाएगा, जहां अंतिम औपचारिकताओं के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा। इसके पश्चात पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होगी।
ग्रामीण राजनीति का पारा चढ़ा
आरक्षण सूची के जारी होते ही गांवों में राजनीतिक गतिविधियां चरम पर पहुंच गई हैं। देर रात ही कई संभावित प्रत्याशियों ने अपने घरों के दरवाजे समर्थकों के लिए खोल दिए और चुनावी चर्चा का दौर शुरू हो गया। अब देखना यह है कि किस वर्ग को कितना आरक्षण मिला है और यह समीकरण स्थानीय राजनीति को किस ओर मोड़ता है।
