आधार और UPI के बाद अब हर नागरिक को मिलेगा यूनिक डिजिटल एड्रेस ID, सरकार कर रही है नई पहल की तैयारी

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उत्तराखंड, 

आधार कार्ड से शुरू हुई भारत की डिजिटल पहचान यात्रा अब एक नए और महत्वाकांक्षी पड़ाव पर पहुंचने जा रही है। जिस तरह आधार ने हर भारतीय को एक यूनिक पहचान दी और फिर UPI ने डिजिटल भुगतान के तरीके को पूरी तरह बदल दिया, अब सरकार एक और क्रांतिकारी बदलाव की ओर बढ़ रही है — डिजिटल एड्रेस ID

क्या है डिजिटल एड्रेस ID?

सरकार अब हर व्यक्ति के पते को भी एक यूनिक डिजिटल पहचान देने की योजना बना रही है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में हर घर, दुकान, दफ्तर या किसी भी स्थान का एक यूनिक डिजिटल पता होगा — जिसे व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी भी डिजिटल सेवा में उपयोग कर सकेगा।

इस सिस्टम के तहत किसी भी स्थान की सटीक पहचान आसान हो जाएगी। इससे सरकारी दस्तावेज, पार्सल, ऑनलाइन ऑर्डर, और आपात सेवाएं समय पर सही लोकेशन तक पहुंच सकेंगी।

क्यों जरूरी है यह सिस्टम?

आज के समय में पते की सटीकता की कमी के चलते सरकार और निजी कंपनियों को भारी नुकसान होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत को हर साल गलत या अस्पष्ट पते के कारण 10 से 14 बिलियन रुपये तक का नुकसान होता है, जो देश की GDP का लगभग 0.5% है।

यह समस्या खासतौर पर ग्रामीण इलाकों, झुग्गी बस्तियों और तेजी से फैलते शहरी क्षेत्रों में अधिक गंभीर है, जहां पता अक्सर लैंडमार्क आधारित होता है, जो हर किसी को पता नहीं होता।

कौन कर रहा है तैयारी?

इस डिजिटल एड्रेस सिस्टम को डाक विभाग (Department of Posts) तैयार कर रहा है और इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय की सीधी नजर है। इसका ड्राफ्ट वर्जन जल्द ही जनता के सामने रखा जाएगा ताकि नागरिक इस पर अपनी राय दे सकें।

उम्मीद है कि साल के अंत तक इसका अंतिम मसौदा तैयार हो जाएगा, और संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा कानून भी पेश किया जा सकता है। इस प्रणाली को लागू करने और निगरानी के लिए एक नई अथॉरिटी का गठन भी प्रस्तावित है।

कैसे काम करेगा डिजिटल एड्रेस ID?

  • हर व्यक्ति/स्थान को मिलेगा एक यूनिक डिजिटल पता (ID)
  • व्यक्ति तय करेगा कि यह ID कब, कैसे और किससे साझा करनी है
  • बिना स्वीकृति कोई इस पते की जानकारी एक्सेस नहीं कर पाएगा
  • यह सिस्टम पूरी तरह डेटा प्राइवेसी के अनुरूप होगा

डेटा सुरक्षा होगी प्राथमिकता

इस प्रणाली में यूजर की सहमति के बिना किसी थर्ड पार्टी को पता शेयर नहीं किया जा सकेगा, जिससे प्राइवेसी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि कंपनियां नागरिकों का पता डेटा बिना अनुमति के उपयोग न कर सकें।

नया भारत, नई पहचान

डिजिटल एड्रेस ID, आधार और UPI की तरह ही भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई दिशा देगा। यह न सिर्फ नागरिकों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि सरकार की योजनाएं, डिलिवरी नेटवर्क और ई-गवर्नेंस को भी और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगा।


📌 यह कदम भारत को डिजिटल इंडिया की ओर और मजबूती से आगे ले जाने वाला साबित हो सकता है।

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