रामपुर-काठगोदाम फोरलेन में मानकविहीन कट बने मौत का कारण, मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान

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लालकुआं।
रामपुर-काठगोदाम फोरलेन पर हो रही लगातार सड़क दुर्घटनाओं को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। हल्दूचौड़ से लेकर हल्द्वानी तक राष्ट्रीय राजमार्ग-109 पर बने बेतरतीब और मानकविहीन कट अब लोगों की जान के दुश्मन बन चुके हैं। बीते कुछ दिनों में हुई गंभीर दुर्घटनाओं के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है और अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी इस पर सख्त रुख अपनाया है।

सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजी गई शिकायत पर त्वरित संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री के अपर निजी सचिव जगदीश चंद्र कांडपाल ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना निदेशालय सहित संबंधित एनएचआईडीसीएल और एनएचएआई अधिकारियों को तत्काल जनहित में कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं।

शिकायत में कहा गया है कि हाईवे निर्माण एजेंसी द्वारा हल्दूचौड़ से गोरापड़ाव और तीनपानी से काठगोदाम तक कई स्थानों पर ऐसे कट बनाए गए हैं जो पूरी तरह से गैर-मानक हैं। इन कटों पर न तो सड़क की चौड़ाई का ध्यान रखा गया है, न ही सर्विस रोड, स्पीड ब्रेकर, संकेत बोर्ड और रिफ्लेक्टर जैसी बुनियादी सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई हैं।

गौरतलब है कि 17 जुलाई को एक स्कूटी सवार परिवार जब भारत पेट्रोलियम के सिलेंडरों से लदे वाहन की चपेट में आया तो युवक कन्नू सिंह सम्मल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी और दो मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इससे दो दिन पहले हल्दूचौड़ के एक व्यापारी दीपक जोशी की तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी। वहीं हाल ही में गौलापार बाईपास क्षेत्र में लखनऊ निवासी एक परिवार की कार डंपर से टकरा गई, जिसमें पांच लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए।

लगातार हो रही इन दुर्घटनाओं ने फोरलेन निर्माण की खामियों और लापरवाह प्लानिंग की पोल खोल दी है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इन जानलेवा कटों को या तो बंद किया जाए या फिर इन्हें सुरक्षा मानकों के अनुरूप तुरंत दुरुस्त किया जाए।

अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशों के बाद संबंधित विभाग कितना सक्रिय रुख अपनाता है और सड़क सुरक्षा को लेकर क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।

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