लालकुआं में खनन व्यवसाईयों का आक्रोश, क्रेशरों में विरोध प्रदर्शन, भाड़ा गिराने को लेकर विवाद

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लालकुआं: स्टोन क्रेशर संचालकों द्वारा भाड़ा गिराए जाने से खनन उद्योग में हलचल मच गई है। गौला खनन मजदूर उत्थान समिति ने इसका कड़ा विरोध करते हुए लालकुआं डिवीजन के सभी गौला निकासी गेटों के साथ-साथ हल्द्वानी डिवीजन के तीन गेट भी बंद करवा दिए। खनन व्यवसाईयों ने इस दौरान स्टोन क्रेशरों में जाकर उनकी बिक्री रुकवाने के साथ-साथ क्रेशरों के गड्ढों में जबरदस्त प्रदर्शन किया।

समिति के बैनर तले आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में गौला खनन मजदूरों के साथ-साथ डंपर एसोसिएशन और गौला खनन समिति ने भी समर्थन दिया। वाहन स्वामियों ने अपने वाहनों को स्टोन क्रेशरों में भेजकर वहां की बिक्री रोकने का प्रयास किया। इसके अलावा, भरी गाड़ियों को क्रेशर के धर्म कांटे में खाली करवाया और यह चेतावनी दी कि जब तक आंदोलन जारी रहेगा, तब तक किसी भी स्टोन क्रेशर में बिक्री नहीं होने दी जाएगी।

खनन व्यवसाईयों का आरोप है कि स्टोन क्रेशर संगठन जब वाहन स्वामियों की गाड़ियाँ चलाने में सफलता प्राप्त कर लेते हैं और कारोबार पटरी पर आ जाता है, तो वह अपने आरबीएम के रेट गिरा देते हैं और माल ऊंचे रेट पर बेचने की कोशिश करते हैं। इसके चलते पिछले सीजन में भी यही स्थिति रही थी।

प्रदर्शन के दौरान स्टोन क्रेशर संचालकों ने उप जिलाधिकारी हल्द्वानी को ज्ञापन देकर आरोप लगाया कि खनन व्यवसाईयों ने क्रेशरों में जाकर उनके कर्मचारियों के साथ अभद्रता की और क्रेशर में नुकसान भी किया। उन्होंने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की, जिस पर उप जिलाधिकारी ने जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

इस विरोध प्रदर्शन में प्रमुख रूप से रमेश जोशी, इंदर सिंह बिष्ट, मनोज मठपाल, शंकर जोशी और अन्य खनन व्यवसाई उपस्थित रहे। यह विवाद अब खनन और क्रेशर व्यवसाय के बीच नए विवाद को जन्म दे सकता है, जिसके समाधान की दिशा में अब प्रशासन को गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता होगी।

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