लालकुआं। रेलवे द्वारा लालकुआं क्षेत्र में अपनी भूमि का पुनः सीमांकन और नापजोख किए जाने से स्थानीय लोगों में भारी दहशत फैल गई है। पिछले वर्षों की कार्रवाईयों की यादें ताजा करते हुए नागरिकों में भय और आक्रोश दोनों देखने को मिल रहा है।
रेल विभाग द्वारा इस क्षेत्र में पहले भी दो बार बड़ी कार्रवाई की जा चुकी है—वर्ष 2023 में लगभग 1200 मकानों को ध्वस्त किया गया था, जबकि 2012 में करीब 600 मकानों को तोड़कर भूमि अपने कब्जे में ली गई थी। अब एक बार फिर सीमांकन प्रक्रिया शुरू होने पर लोगों को अपने घर उजड़ने का खतरा सताने लगा है।
इस विषय को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट ने मंडल रेल प्रबंधक, इज्जतनगर को पत्र भेजकर हाथीखाना, संजय नगर और बंगाली कॉलोनी क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाओ अभियान को रोकने की मांग की है।
पत्र में सांसद ने उल्लेख किया कि लालकुआं विधायक डॉ. मोहन बिष्ट, भाजपा नेता दीपेन्द्र कोश्यारी और सांसद प्रतिनिधि लक्ष्मण खाती ने उन्हें अवगत कराया कि इन क्षेत्रों में पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से लोग निवास कर रहे हैं और रेलवे की कार्रवाई से उनके उजड़ने का खतरा पैदा हो गया है।
सांसद अजय भट्ट ने डीआरएम से आग्रह किया है कि वर्तमान कार्रवाई को जनहित में तत्काल रोका जाए और स्थिति की विस्तृत जानकारी उन्हें भी उपलब्ध कराई जाए, ताकि क्षेत्र में अमन-चैन बना रहे और लोग मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस कर सकें।
स्थानीय निवासियों ने भी प्रशासन से अपील की है कि उनके पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित किए बिना कोई कठोर कदम न उठाया जाए।
