लालकुआं। जनपद नैनीताल की 22-जग्गीबंगर जिला पंचायत सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। तीन दिग्गज महिला प्रत्याशियों ने मैदान में उतरकर चुनावी समर को बेहद रोचक और प्रतिष्ठा का प्रश्न बना दिया है। फिलहाल मतदाता खामोश हैं, लेकिन चुनावी तापमान लगातार चढ़ रहा है।
इस सीट के अंतर्गत 16 ग्राम सभाओं के करीब 32,000 मतदाता आगामी जिला पंचायत सदस्य का चयन करेंगे। मैदान में कांग्रेस, भाजपा और एक निर्दलीय समर्थित प्रत्याशी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
कौन हैं मैदान में?
- किरन जोशी: वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री और पूर्व जिला पंचायत सदस्य हैं। उनके पति भी क्षेत्र के प्रभावशाली नेता और निवर्तमान ग्राम प्रधान हैं। पार्टी में चल रही एकजुटता और जमीनी पकड़ के चलते उन्हें मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उन्हें चुनाव चिन्ह उगता सूरज मिला है।
- दीपा चंदोला: निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य कमलेश चंदोला की पत्नी हैं। उन्हें स्थानीय विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट का खुला समर्थन प्राप्त है, जिससे यह चुनाव विधायक की प्रतिष्ठा का सवाल भी बन चुका है। दीपा चंदोला को कप-प्लेट चुनाव चिन्ह मिला है।
- विमला (बबीता) चंदोला: भाजपा की पूर्व मंडल उपाध्यक्ष और जमीनी कार्यकर्ता हैं। हालांकि भाजपा ने इस सीट से अधिकृत प्रत्याशी नहीं उतारा है, लेकिन विमला चंदोला को संगठन से जुड़े कई बड़े नेताओं और हिंदूवादी चेहरों का समर्थन प्राप्त है। वे कलम-दवात चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में हैं।
कौन किसके साथ?
विमला चंदोला के समर्थन में हिंदूवादी नेता कमल मुनि, राज्य आंदोलनकारी उमेश शर्मा, ब्लॉक प्रमुख रूप देवी, और भाजपा महिला कार्यकर्ताओं की एक मजबूत टीम जुटी हुई है। वहीं, कांग्रेस की ओर से एकजुटता का प्रदर्शन हो रहा है और स्थानीय कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर आ रहा है।
चुनाव की अहमियत
इस चुनाव को खास तौर पर लालकुआं विधायक डॉ. मोहन बिष्ट की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि उनके करीबी उम्मीदवार दीपा चंदोला चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में परिणाम सिर्फ एक सीट का नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रभाव और नेतृत्व क्षमता का भी संकेत देगा।
क्या बोले मतदाता?
हालांकि अब तक मतदाता खामोश हैं, लेकिन जैसे-जैसे मतदान तिथि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनावी चर्चाएं तेज होती जा रही हैं। गली-मोहल्लों से लेकर चौपालों तक राजनीतिक बहसों ने माहौल को पूरी तरह चुनावी बना दिया है।
निष्कर्ष:
कुल मिलाकर, 22 जग्गीबंगर सीट पर मुकाबला बेहद रोमांचक और प्रतिष्ठा भरा बन गया है। अब देखना होगा कि मतदाता किस प्रत्याशी पर भरोसा जताते हैं और इस सियासी द्वंद का अंत किसके विजय पताका के साथ होता है।
