उत्तरकाशी में हेलिकॉप्टर हादसा: छह की मौत, व एक  घायल।

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गुरुवार सुबह एक दिल दहला देने वाली हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। गंगनानी क्षेत्र में एक प्राइवेट हेलिकॉप्टर करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में सवार सात लोगों में से छह की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है।

जानकारी के अनुसार, हादसे का शिकार हुआ हेलिकॉप्टर एक निजी कंपनी एरो ट्रिंक का था। इसमें पांच महिलाएं, दो पुरुष और एक पायलट सवार थे। मृतकों में दो यात्री आंध्र प्रदेश और चार महाराष्ट्र के निवासी बताए जा रहे हैं। घायल व्यक्ति को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

 

 

 

 

 

दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंच गईं और तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। शुरुआती जांच में हादसे की वजह खराब मौसम और तकनीकी खराबी को माना जा रहा है, हालांकि विस्तृत जांच के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट हो पाएगा।

यह हादसा ऐसे समय में हुआ है जब चारधाम यात्रा अपने चरम पर है और देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों की यात्रा पर हैं। इस दौरान अनेक यात्री हेलिकॉप्टर सेवाओं का भी उपयोग कर रहे हैं।

मौसम विभाग पहले ही देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और चंपावत जिलों में तेज हवाओं और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी जारी कर चुका था। ऐसे में खराब मौसम को इस हादसे का एक संभावित कारण माना जा रहा है।

 

 

 

 

 

गौरतलब है कि इससे पहले भी 5 मई को बदरीनाथ क्षेत्र में एक हेलिकॉप्टर को खराब मौसम के कारण आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। उस घटना में हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई थी।

गुरुवार की घटना ने न केवल चारधाम यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि हेलिकॉप्टर सेवाओं की विश्वसनीयता पर भी गंभीर चिंता जताई जा रही है। प्रशासन ने हेली सेवा प्रदाताओं को सुरक्षा मानकों को कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं और श्रद्धालुओं से खराब मौसम के दौरान सतर्क रहने की अपील की है।

प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। यह हादसा एक बार फिर यह सोचने को मजबूर करता है कि कठिन भूगोल और अस्थिर मौसम वाले क्षेत्रों में हवाई सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और क्या ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।


 

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